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मई, 2022 की पोस्ट दिखाई जा रही हैं

शिकारी और पालतू तितर का गठबंधन

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  *✍️बात पुरानी है लेकिन आज के परिपेक्ष मे ताजा है, समय निकाल कर एक बार जरूर पढ़िए!*  एक बार एक🏹 शिकारी जंगल से एक 🦉तीतर पकड़ कर लाता है। उसे अपने घर पर रखता है और खूब काजू बादाम किशमिश खिलाता है, सूखे मेवे खाने के चक्कर में वह वहां से कभी भागने का प्रयास नहीं करता !  जब🦉 तीतर बड़ा हो जाता है तो वह शिकारी🏹 उसे साथ लेकर जंगल जाता है !  जाल बिछाता है और तीतर को वहीं पिंजरे में रखकर खुद झाड़ी के पिछे छिप जाता है और तीतर से बोलता है बोल बे!  *तीतर अपने मालिक की आवाज सुनकर जोर जोर से चिल्लाता है, बचाओ  बचाओ* उसकी आवाज को सुनकर जंगल के सारे तीतर ये सोचकर कि ये अपनी कौम का है, जरुर किसी परेशानी में है, मदद करने के लिए पुकार रहा है और शिकारी के बिछाये जाल में फस जाते हैं !  फिर शिकारी मुस्कराते हुए आता है, पालतू तीतर को अलग कर वो सारे कैदी तीतरों को दुसरे झोले में रखकर घर लाता है। इसके बाद अपने पालतू तीतर के सामने ही पकड़े गए सारे भोले-भाले तीतरों को एक एक करके काटता है, *मगर पालतू तीतर उफ़ तक नहीं करता !*  कैसे करता उसे अपने हिस्से का थोड़ा बहुत खुराक काजू बादाम किशमिश जो  मिल रहा था !  औ

पंडितों से वैदिक रीति से शादी करवाना अपराध है

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*🔥पंडितो से वैदिक रीति से शादी करवाना अपराध है🔥*      *In 1819, by the Act 7, the Brahmins prohibited the purification of the women.  (On the marriage of the Shudras, the bride had to give her physical service at the house of Brahmin for at least three nights without going to her mother's house.)*    *ब्रिटिश सरकार ने 1819 में अधिनियम 7 द्वारा ब्राह्मणों द्वारा शुद्र स्त्रियों के शुद्धिकरण पर रोक लगाई।   (शुद्रों की शादी होने पर दुल्हन को अपने यानि दूल्हे के घर न जाकर कम से कम तीन रात ब्राह्मण के घर शारीरिक सेवा देनी पड़ती थी।)*      इस विषय पर एक पिक्चर "अंकुर" बन चुकी है। जिसमें सबाना आजमी ने दुल्हन की भूमिका निभाई है।    यही नही आज भी शादी के वक्त  बधू से सातो बचन जो दिलाए जाते है, उसमे सबसे पहला और मुख्य वचन यह होता है।    *पहला वचन--मै अपने पुरोहित की उनकी इच्छा अनुसार दान दक्षिणा, सेवा सत्कार करती रहूंगी, उसमे पतिदेव जी का कोई हस्तक्षेप नही होगा। इस वचन को लेकर शादी के समय कयी बुद्धिजीवी लोगों द्वारा विरोध जताने पर अब इस वचन को समझदार पंडितों ने निकाल दिया है।*   

मुजफ्फरनगर गांव में चमारों को पाँच हजार जुर्माना और पचास जुते मारने के आदेश

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उत्तर प्रदेश के ज़िला मुज़फ़्फ़रनगर गाँव पावटी खुर्द में खुलेआम मुनादी हो रही है कि "कोई भी 'चमार' उसकी डोल,समाधि,ट्यूबवेल पर दिख गया तो 5 हजार रुपए जुर्माना और 50 जूते होंगे! हिंदू बनने का जिनको शौक़ चढ़ा था, उन्हें अब समझ आ गया होगा ?  प्रिय साथियों ! हमारे लोग ज्यादातर गुमराह है। वे जातियां बदलने में माहिर हैं । और गुमराह हो करके, एक जाति छोड़ करके, नई जाति को जन्म दे देते हैं।  इसलिए देश के दलित और पिछड़े बहुजन लोग, हजारों की संख्या में जातियों में बटे हुए हैं। बाबा साहब ने बार-बार कहा कि हमारी समस्या जाती तो है मगर उसकी वजह धर्म है।  इसलिए धर्म को छोड़ दो । मगर हमारे लोग अपनी सारी एनर्जी जाति बदलने में, तोड़ने में, या जाति छोड़ने में लगा देते हैं मगर धर्म नहीं छोड़ना चाह रहे।  बाबा साहब ने 14 अक्टूबर 1956 को हिंदू धर्म को छोड़कर के धम्म मार्ग को अपनाया था । इसलिए यह ध्यान रखने की बात है कि बाबा साहब ने धर्म छोड़ा था, जाति नहीं । अगर आप धर्म छोड़ देते हैं इन जातियों का कोई महत्व ही नहीं रह जाएगा। मगर जब तक आप इस हिंदू धर्म से चिपके रहोगे,जातियां आपका पीछा नहीं छोड़ेंगी

विजय कुमार खटाना बने गुडगाँव बसपा जिलाध्यक्ष

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दिनांक 7 मई 2022 को बहुजन समाज पार्टी जिला गुड़गांव के संगठन की मीटिंग डॉक्टर अंबेडकर भवन बादशाहपुर में आयोजित की गई जिसमें मुख्य अतिथि आदरणीय जगबीर सिंह फुलिया जी हरियाणा प्रदेश सचिव एवं धन प्रकाश शेरवाल जी हरियाणा प्रदेश सचिव  के साथ-साथ पूर्व पदाधिकारी, कार्यकर्ता  एवं बहुजन समाज पार्टी के  समर्थक उपस्थित रहे संगठन की बैठक में सर्वसम्मति से हरियाणा प्रदेश अध्यक्ष एडवोकेट गुरुमुख सिंह जी की सहमति से श्री विजय कुमार खटाना सरपंच दमदमा को बहुजन समाज पार्टी जिला गुड़गांव का अध्यक्ष मनोनीत किया गया जो  कि पूर्व मे जिला  गुडगाँव के  उपाध्यक्ष थे!  इस मौके पर सभी ने पार्टी को मजबूत करने के लिए अपने विचार व्यक्त किए और लड्डू बांटकर  सरपंच विजय कुमार खटाना जी को जिलाध्यक्ष बनने पर बधाइयां दी ! भविष्य में बहुजन समाज पार्टी को मजबूत करने के लिए सरपंच विजय कुमार खटाना जी को हरसंभव सहयोग और समर्थन देने का आश्वासन दिया!   इस मौके पर बीवीएफ, बामसेफ के  वर्तमान एवं पूर्व के सभी पदाधिकारी मौजूद रहे सरपंच विजय खटाना जी ने सभी का धन्यवाद करते हुए कहां कि संगठन ने  जो मुझमें विश्वास  व्यक्त किया है उसका