शिकारी और पालतू तितर का गठबंधन
*✍️बात पुरानी है लेकिन आज के परिपेक्ष मे ताजा है, समय निकाल कर एक बार जरूर पढ़िए!*
एक बार एक🏹 शिकारी जंगल से एक 🦉तीतर पकड़ कर लाता है। उसे अपने घर पर रखता है और खूब काजू बादाम किशमिश खिलाता है, सूखे मेवे खाने के चक्कर में वह वहां से कभी भागने का प्रयास नहीं करता ! जब🦉 तीतर बड़ा हो जाता है तो वह शिकारी🏹 उसे साथ लेकर जंगल जाता है ! जाल बिछाता है और तीतर को वहीं पिंजरे में रखकर खुद झाड़ी के पिछे छिप जाता है और तीतर से बोलता है बोल बे!
*तीतर अपने मालिक की आवाज सुनकर जोर जोर से चिल्लाता है, बचाओ बचाओ* उसकी आवाज को सुनकर जंगल के सारे तीतर ये सोचकर कि ये अपनी कौम का है, जरुर किसी परेशानी में है, मदद करने के लिए पुकार रहा है और शिकारी के बिछाये जाल में फस जाते हैं !
फिर शिकारी मुस्कराते हुए आता है, पालतू तीतर को अलग कर वो सारे कैदी तीतरों को दुसरे झोले में रखकर घर लाता है। इसके बाद अपने पालतू तीतर के सामने ही पकड़े गए सारे भोले-भाले तीतरों को एक एक करके काटता है, *मगर पालतू तीतर उफ़ तक नहीं करता !* कैसे करता उसे अपने हिस्से का थोड़ा बहुत खुराक काजू बादाम किशमिश जो मिल रहा था ! और वह पालतू तितर यह भी सोचता था कि मैं तो सुरक्षित हूं मेरे समाज के तितर जांए भाड़ में, कभी कभी सोचता था कि यदि समाज की परवाह करूंगा तो मैं नहीं बचूंगा और अपनी परवाह करुंगा तो समाज नहीं बचेगा ! अब तो काजू बादाम किशमिश के चक्कर में बहुत बड़ी ग़लती कर बैठा हूं !
*==Moral of the story==*
इसी तरह मनुवादी ( RSS, BJP, AAP, CONGRESS ) ने भी ऐसे ना जाने कितने दलित -पिछडे़ समान्य वर्ग समाज के तीतर पाल रखे हैं जो अपने समाज के खिलाफ बनने वाली पोलिसी -षढयंत्र और उत्पीड़न को देखते तो हैं मगर उफ़ तक नहीं करते।
*सावधान हो जाओ ।*
ऐसे चापलूस तीतरों को पहचानो और आजकल तो एक नया शिकारी आया है झाड़ू पीछे बांध कर ग़रीबों,शोषितों भोले-भाले को बहला फुसलाकर जाल मे फंसा रहा हैं ये वहीं शिकारी है जो प्रतिनिधित्व का घोर विरोधी और पक्का मनुवादी आरएसएस का भगत हैं ! SC, ST, OBC और अल्पसंख्यक समाज होश मे आओ!
बहुजन बनो
संगठित करो
संघर्ष करो
*शिकारी और पालतू तितर से बचो*
टिप्पणियाँ
एक टिप्पणी भेजें
if you have any doubts, please let me know.