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"आरक्षण-विरोधी आंदोलन " वादे तोड़ने की साज़िश है- मान्यवर कांशीराम जी

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Manywar Kanshiram Ji  पिछड़े वर्ग को आरक्षण के समर्थन में संसद पर धरना,रैली व प्रदर्शन   बहुजन समाज पार्टी ने बड़े पैमाने पर "आरक्षण समर्थक आंदोलन "चलाने की शुरुआत कर दी! विगत 26 दिसम्बर,1989 से  28 दिसम्बर 1989 तक आरक्षण के समर्थन में दिल्ली के बोट क्लब मैदान पर बहुजन समाज पार्टी के हज़ारों कार्यकर्ताओं ने धरना प्रदर्शन करने के बाद 29 दिसम्बर 1989 को दोपहर एक बजे पटेल चौक अर्थात संसद के समक्ष विशाल प्रदर्शन कर सरकार की कथनी और करनी के प्रति अपना रोष प्रकट किया  !  प्रदर्शनकारियों ने सरकार द्वारा चुनाव पूर्व 85 प्रतिशत दबे पिछड़े समाज से किए गए वादे पूरा करने की मांग की  ! "वी• पी• सिंह अपनी नियत साफ़ करो- मंडल आयोग रिपोर्ट लागू करो " तथा अनुसूचित जाति,जनजाति का आरक्षण कोटा पूरा करो,वी • पी• सिंह अपने वादे पूरे करो- वरना  कुर्सी खाली करो के नारों से आसमान गूंज उठा  ! प्रदर्शनकारी फिरोजशाह कोटला मैदान से,भीषण सर्दी के बावजूद हज़ारों की संख्या मे नारे लगाते हुए संसद पर पंहुचे! प्रदर्शनकारियों में बहुत सी महिलाएं भी थी  ! 27 दिसम्बर को बोट क्लब पर आंदोलनकारियों को बहुज

आरक्षण ख़त्म होना ही चाहिये

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*आपको आरक्षण में चावल गेंहू  नमक, और मास्टर चपरासी बनने में मिले आरक्षण को आरक्षण न समझें? इसको प्रतिनिधित्व कहते हैं आरक्षण क्या है इसकी जानकारी भारत में षड्यंत्र करके उसका मतलब ही बदला दिया  * reservation in india  *आरक्षण किसे कहते हैं कुछ उदाहरणों से समझिए* जब अपने स्कूल की क्रिकेट टीम में भी चयनित ना होने वाले जय शाह पुत्र अमित शाह (गृह मंत्री, भारत सरकार) सीधा BCCI के अध्यक्ष बनते हैं, इसे कहते हैं आरक्षण। सचिन तेंदुलकर का बेटा अर्जुन तेंदुलकर  आरक्षण के कारण भारत की 16 साल से कम आयु की टीम में और 323  बाल में 1009 रन का  विश्व रेकोर्ड बनाने वाले प्रवीण धनवड़े को बाहर किया  जाए तो  इसे कहते हैं आरक्षण जब बिना किसी परीक्षा और इंटरव्यू के सीधा हाईकोर्ट और सुप्रीम कोर्ट में जज अपनी पारिवारिक पृष्ठभूमि एवं रिश्तेदारी के कारण नियुक्त होते हैं, इंडियन जुडिशरी सर्विस लागू ना कर अपने चहेते को न्याय मूर्ति बना देना  उसे कहते हैं आरक्षण। जब तमाम स्कूल और कॉलेज खोलने वाले मैनेजर अपने रिश्तेदारों, बहू बेटों को बिना किसी योग्यता और पात्रता के फर्जी सर्टिफिकेट के आधार

आरक्षण - एक संक्षिप्त परिचय

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आरक्षण षड्यंत्रकारियों की देन आरक्षण हिंदी भाषा का शब्द है  English में इसको reservation or affirmative action कहते हैं ।आरक्षण का मुख्य उद्देश्य अनुपातिक तौर सरकारी संस्थानो में प्रतिनिधित्व देना है जो लोग सामाजिक ऊँच नीच की अमानवीय व्यवस्था के कारण जीवन के हर क्षेत्र में पिछड़ गये हैं उनको मुख्य धारा में शामिल करना, मानवता को विकसित करने को ही आरक्षण नाम दिया गया । पूर्व में कुछ शातिर षड्यंत्रकारी पूर्वाग्रही लोगों ने अपने फ़ायदे के लिये एक व्यवस्था का निर्माण किया जिसमें मानव को ऊँच नीच में विभाजित कर दिया गया  । उस व्यवस्था में मानव के शरीर का layout तो दिखा मगर उसमें जो इंसानियत, दिमाग़, विचार होने चाहिए वो मूल गुण ग़ायब कर दिया गया ।इसमें सबसे बड़ा घालमेल शिक्षा को कुछ वर्ग अर्थात कुछ लोगों तक सीमित करके पुरी मानवता को अंधकारमय कर दिया । शिक्षा पर प्रतिबंध अशिक्षा के कारण इंसान, इंसान तो दिखा मगर वो अपना दिमाग़ी संतुलन खो बैठा और उन षड्यंत्रकारी लोगों को मानव पर बिल्कुल  लेस मात्र भी करुणा नही आई इसके विपरीत मानव के शोषण करने के रास्ते खोजे गये और उसी पीड़ित शोषित इंसान को