संदेश

फ़रवरी, 2023 की पोस्ट दिखाई जा रही हैं

मैने माँ के एक हाथ से थपड़ और दूसरे हाथ से रोटी खाई हैं

चित्र
परिनिर्वान  16/02/2016 माँ एक सुखमय एहसास है माँ एक  दुनिया है माँ से ही घर संसार है  माँ एक ताकत है  माँ ही विश्वास है  माँ ही फट कार ,माँ ही दुलार है  माँ ने ही बताया रिश्तों का व्यवहार है  माँ होती है तो पिताजी भी ज़वान  है  माँ रहती है तो रिश्तों मे होती जान है  माँ का होना कितना सुखादाई  है  माँ के बिना सब कुछ दुखदाई  है  माँ के बिना कोई जीना जीना नहीं  माँ नहीं तो जैसे खुशी का कोई मौका नहीं  माँ है तो खुशीया  रहती बरकरार है  माँ के बिना घर मे आ जाती दरार है  माँ के साथ, माँ के आसपास और माँ के परिनिर्वाण के बाद  बहुत कुछ बदल गया है!   माँ को शत शत नमन , माँ एक विशेष है इसलिए माता पिता के द्वारा किए हुए अच्छे कामों को निरंतर आगे बढ़ाते रहे!!