आत्मविश्वास हासिल करने का सबसे अच्छा तरीका है ,आप वह करें ,जो आप करने से डरते हैं

भूमिका 

आत्मविश्वास का टूटना एक मानिसक रोग है!आत्मविश्वास मानव की उन्नति में सबसे सार्थक अंग है खुद से लगाव जो रखता है उसमे कुछ विशेष  गुण विध्यमान होते हैं और विश्वास अन्य लोगों से कईं  गुणा ज्यादा  होता है ! विश्वास  और आत्मविश्वास दोनों एक दूसरे के पूरक हैं दोनों अपने ढंग  से प्रयोग किये जाते हैं विश्वास  बाहरी आवरण है जो बाहरी वयवस्था एवंम  सौन्दर्यकरण पर ज्यादा जोर देता है ! आंतरिक मजबूती व् सौन्दर्यकरण को आत्मविश्वास अपने अधीन रखकर पुरे जीवन को आनंदमय बना देता है !और मानव  बाहरी चीजों को  ज्यादा व्यवस्थित करने में अपना आंतरिक आत्मविश्वास को कमजोर कर लेता है  जिसका अहसास नहीं होता ! जब वो विशवास हमारी आंतरिक शक्तियों को कमजोर करने लगे औऱ  विशेष गुण अपने ही विशवास से खतरा महसूस करे  उसको ही  हम आत्मविश्वास का टूटना कहते हैं ! आत्मविश्वास को दोबारा हासिल करने के कुछ निरंतर तरीके अपनी दिनचर्या में अपनाकर दोबारा हासिल किया जा सकता है जैसे :
आलस का त्याग 
जब आत्मविश्वास कमजोर होता है तो पुरे शरीर से ऊर्जा शक्ति गायब हो जाती है और आलस चारो तरफ से घेर लेता है !अकर्मण्यता कुछ भी कार्य करने से पहले  सकारात्मक सोच को बीमार करती है और मन मस्तिष्क को जकड कर बिना परिणाम के अवगत कराती रहती है !शुरुआत से पहले उसके परिणाम के विश्लेषण पर चर्चा करने लग जाते हैं घर बैठे बिना गंतव्य तक पंहुचे वंहा पंहुचने का मन में चित्र बनाकर उसके लाभ व् हानि पर विचार मंथन करने लग जाते हैं ! मनुष्य में दो मन काम करते हैं !सकारात्मक व् नकारात्मक इनमे से जब नकारात्मक मन सोचना शुरू करता है तो  उन विचारो को किर्यान्वित कर देता है जो आत्मविश्वास को
अभावत्मक कर देता है !जब सकारत्मक मन सक्रिय  हो जाता है हर विषय अच्छी तरह समझना शुरू हो जाता है !दुःख में भी ख़ुशी ढूंढ़ने में लग जाता है ! कोशिश करें की सकारत्मक मन कभी आलसी न हो और हमेशा आहार के रूप में  सुद्ध विचार सकारात्मक मन को मिलते रहें ! यही आत्मविश्वास हासिल करने का तीव्र तरीका है !
शिक्षा 
tips of self confidence,building self confidence
tips of self confidence 

अशिक्षा मानव चित पर अंकित होने वाली सभी मानसिक बिमारियों की जड़ है आत्मविश्वास   का खोना एक मानसिक बीमारी है जानकारियों के आभाव में भी आत्मविश्वास डगमगाने लगता है ! आज के नव दौर में ज्ञान के बहुत आयाम है!
राजनितिक,सामजिक, धार्मिक, आर्थिक, टेक्नोलॉजी, कंप्यूटर, इनफार्मेशन टेक्नोलॉजी, इतिहास ,लेखन ,
व बहुत अन्य  क्षेत्र हैं हमें सबका कुछ न कुछ ज्ञान होना जरुरी है तभी हम वर्तमान में विशवास के साथ जीवन पथ पर अग्रसर रहते हैं ! शिक्षा आने वाली पीढ़ी को भी  इस मानसिक रोग से बचाव में सहयोगी होगी ! शिक्षा वह शेरनी का दूध है जो पिऐगा वो ही दहाड़ेगा और  मानव कल्याण को सर्वोपरि मानकर विकसित समाज के निर्माण में सहयोग देता रहेगा ! अमेरिका के राष्ट्रपति अब्राहिम लिंकन ने   रंग भेद के आधार पर जो अमानवीय व्यवाहर था, भारत में अछूत अमानवीय समस्या को डॉक्टर आंबेडकर ने व् साउथ अफ्रीका में  रंग भेद को नेल्सन मंडेला ने शिक्षा के दम पर ही लड़ाई लड़के ख़त्म किया और पूरी मानवता के आत्मविश्वास को हासिल किया !
एहसास होना
जब आत्मविश्वास डगमगाने लगे और खुद को डर लगने लगे तो समझ लेना कि विशवास में कोई कमजोरी अपने लक्षण दे रही है ! निडर होने का मतलब हर वो काम करने में सक्षम,जो मनुष्य के विकास के लिए आवश्यक है !विद्यार्थी जब किताबों से,व्यपारी  जब समस्यों  से ,साइंटिस्ट जब अनुशंधान से ,डॉक्टर जब मरीज से और नौकर जब काम से जी चुराने लगे तो समझ लेना आवश्यक है कि उसके आत्मविश्वास में कमी आ गई है ! जब ये अहसास हो जाए तो सबसे पहले अन्दर जो भय बैठा है उसको दूर करने के लिए  काम को रुचिकर बनाने का प्रयास करने के जरूरत है ! अपने काम में ध्यान लगाकर अपने मन को एकाग्र करने में लग जाए ज्यादा से ज्यादा सकारत्मक जीवनियाँ  व् सकारात्मक लोगों का साथ हासिल करें !
समाज संगति 
आत्मविश्वास को कमजोर करने में आसपास के समाज अर्थात संगत का भी अहम् किरदार होता है !समाज में हर तरह के लोग होते हैं कुछ लोग जानबूझकर द्वेष भावना मन में रखकर लक्ष्य से भर्मित करने में लग जाते हैं ! जैसे ही दिशाविहीन हुए ,साथ छोड़ कर चले जाते हैं ! हमेशा ही आसपास अच्छे हर क्षेत्र में विचारक व् निरंतर गतिशील लोगों का साथ होना जरुरी है ! एक मनोरोग विशेषज्ञ को भी अपना इलाज करवाने के लिए एक अच्छे डॉक्टर की जरुरत होती है !वैसे ही अविश्वासी इंसान को आत्मविश्वास से ओतप्रोत इंसान की जरूरत होती है ! अच्छी दोस्ती व् संगति  से हम अपना खोया हुआ आत्मविश्वास प्राप्त कर सकते हैं ! तथागत बुद्ध ने अपना दीपक आप बनो पूरी मानवता को समझाया है ! इस विचार को अपनाने से आत्मविश्वास को बल मिलता है और मनुष्य धीरे धीरे अपने खोए हुए विशवास को हासिल कर लेता है और भय मुक्त हो जाता है !
निश्चित उदेशय 
जब यह अहसास हो जाए कि मैं अपने विशवास को खो चूका हूँ इससे आसानी से निकला भी जा सकता है !अपने एक उदेश्य का निर्माण और उसको पाने के लिए ,योजना बनाकर उस पर काम करना जारी रखें ! अच्छे लोगों से मदद ले और अपने उदेशय की तरफ धीरे धीरे आगे बढे ! सकारात्मक कोशिकाएं शक्तिवान हो जाएंगी !उद्देश्यहीन जीवन निराशा ही है ! दुनिया जो इतनी सूंदर है इसमें कुछ सकारत्मक लोगों का ही सहयोग है ,जिनका अपने जीवन में कोई न कोई उदेशय रहा है ! मानव कल्याण के लिए जो आविष्कार आजतक हुए हैं उनमे उन महान वैज्ञानिकों का उदेश्य सम्मलित रहा है ! वैज्ञानिक जब  खोज करता है तो वो अपना आत्मविश्वास हासिल करता है ! इसलिए उदेश्य को अर्जित करने के लिए सकारत्मक सोच व् दिनचर्या अति आवश्यक है !
सम्यक व्यायाम  
जब हम अपने खोए हुए आत्मविश्वास को वापिस पाना चाहते हैं तो सम्यक वय्याम अति आवश्यक है ! व्यायाम हमें हर रोज ऊर्जावान व् खुद के प्रति  लगाव की और ले जाता है ! इससे भी हम  अपने आत्मविश्वास को हासिल कर सकते हैं ! अपने आपको शीशे के सामने ले जाकर अपने आप से सवाल करे कि मैं अपने उदेशय को हासिल कर सकता हूँ ! व्यायाम मस्तिष्क के कार्य में सुधार करता है और समृति और कौशल को बढ़ाता है ! नियमित व्यायाम मस्तिष्क में रक्त के परवाह में सुधार करता है और मस्तिष्क के स्वास्थ्य और समृति में सुधार करता है !

आज मैं आपको एक सच्ची घटना से मुखातिब कराना जरुरी समझता हूँ जो की आत्मविश्वास से जुडी हुई एक सच्ची घटना है !सन  1980  के आसपास  हमारे  पड़ोस के लड़के ने गांव  के ही स्कूल से  दसवीं क्लास फर्स्ट डिवीज़न से उत्तीर्ण की उस दौर में  ऊंच शिक्षा के लिए शहर  में जाना पड़ता था  मोहल्ले के लोगों ने  समझाया कि आप होनहार विद्यार्थी हो आपको ऊंच शिक्षा प्राप्त कर गांव का नाम रोशन करना चाहिए !


उसके माता पिता एवंम  उसके सहपाठियों ने भी उसको समझाया सहपाठियों ने शहर के ऊंच शिक्षण संस्थान अर्थात कॉलेज में दाखिला ले भी लिया फिर भी वो विद्यार्थी राजी न हुआ ! वो हमसे वरिष्ठ थे और हमको टूशन पढ़ाते भी थे एक दिन हमने उनसे पूछा की महोदय आप अच्छे विद्यार्थी हैं आप शहर में दाखिला क्यों नहीं लेते ? फिर उन्होंने बताया की सुनो मुझे रफ़्तार से डर लगता है और शहर जाने के लिए बस का उपयोग करना होगा, बस तेज चलती है अगर बस दुर्घटनाग्रस्त हो गयी तो मैं मर जाऊँगा इसलिए शहर में जाना नहीं चाहता ! वो इतना डरे हुए थे की किसी रिस्तेदारी में साइकल पर या पैदल ही जाते थे हुआ यूँ की कुछ सालों के बाद  युवाओं ने उनको  उत्साहित किया और उनको चंडीगढ़ एक सरकारी नौकरी के साक्षात्कार में जाने पर राजी कर लिया ! परिचालक से टिकट लेने के बाद  वो आँखे बंद करके घबराए सहमे हुए बैठे रहे और दुर्भाग्यवश उनको सीट भी आगे की लाइन में आवंटित हुई ! आँखे बंद करके अपने इष्टदेव को जपते रहे दुर्भाग्यवस बस कुछ मील सफर तय करने के बाद दुर्घटना ग्रस्त हो गई उनका रफ़्तार पर जो अविश्वास था वो और पक्का हो गया और अब वो चंडीगढ़ का सफर बीच रास्ते में ही छोड़ कर घर लोटे तो मुँह हाथ व् टांग पर मरहम पट्टी बंदी थी और इस दुर्घटना ने उनके  आत्मविश्वास को पूर्णतया खो दिया था ! परिणाम ये हुआ की उसने जीवन में उसके बाद कोई भी नौकरी का फॉर्म तक नहीं भरा,कोई भी नौकरी नहीं मिली ! जबकि उन्ही के सहपाठी ऊंच सरकारी अधिकारी से सेवानिर्वित होकर शहर में सुन्दर  कोठिया बनाकर मान व् सम्मान  के साथ अपना आन्दमय जीवन वयतीत कर रहे हैं !अब वह  बेरोजगार बुजर्ग अविश्वासी अपने आप में ही मगन एक जीती जागती लाश है !

ये कहानी लिखने  के पीछे एक ही मकसद है उनका आत्मविश्वास जो टूट चूका था जिसको  दोबारा हासिल किया जा सकता था अगर समय रहते कुछ उपरोक्त  उपचार व् तरीके अपना लिए जाते ! मगर अफसोश उनके  माता पिताजी अशिक्षित  थे जिसके कारण उनका होनहार बेटा आज पागल जैसा गांव  की गलियों में आवारा की तरह इधर से उधर घूमता रहता है !


आत्मविश्वास हासिल करना एक निरंतर प्रक्रिया है इन सभी विषयों पर प्रतिदिन कठोर मेहनत करके अपने आत्मविश्वास को प्राप्त किया जा सकता है और जीवन में कामयाबी हासिल की जा सकती है ! मन को सुद्ध विचार व् शरीर को पौष्टिक भोजन की आवश्कता होती है ! हमें अपने सकारत्मक मन को ऊंच विचारों की खुराक देकर खुद को निडर  व् अंधविश्वास से दूर रखने का हरसंभव प्रयास करते रहना होगा ! आत्मविश्वास हासिल करने का सबसे अच्छा तरीका निरंतर अभ्यास करते रहें !





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