बहुजनो के हार के अनेकों कारण है

 


बहुजनो के हार के अनेकों कारण है। जिसमे अंधभक्ति सबसे ज्यादा है।

भारत मे लोग नागरिक कम है,आदमी ज्यादा है। अब सवाल ये है कि ये "आदमी " का क्या मतलब है ?

तो इसका मतलब ये है:-

मोदी के आदमी,

बीजेपी के आदमी,

आप के आदमी,

मेश्राम जी के आदमी

बसपा के आदमी,

दरोगा जी के आदमी

सांसद जी के आदमी

मायावती जी के आदमी

कांग्रेस के आदमी

आशाराम के आदमी

राम रहीम के आदमी इत्यादि।

जिस दिन हम एक नागरिक के तौर पर अपने व पराये नेताओ का समीक्षा करेंगे,उस दिन शायद हम सत्य दिखाई देगा।

रतन लाल जी ने जो भी मेश्राम जी के बारे मे बोला 100% सही बोला। कारण :-

-मेश्राम जी ने खुद बोला है कि जब कांशीराम जी ने मायावती को आगे बढ़ाना शुरू किया तो हम लोग पीछे हटे। अर्थात इनको आगे बढ़ाते तो ये लोग नही हटते।

-जिस बामसेफ को कांशीराम जी ने रजिस्टर्ड नही कराया,उनको इन लोगो ने रेजिस्ट्रेड करवाया।

-मेश्राम जी का कहना है कि कांशीराम जी ने पार्टी बनाई,इसलिए वे लोग हटे।

फिर सवाल ये है की फिर बामसेफ किस लिए बनी ?

-ब्राह्मण देशी है कि विदेशी है इस पर बाबासाहेब ने कभी अपना पसीना नही बहाया। जब संविधान सभी को नागरिकता देता है तो फिर विदेशी का मुद्दा ही खत्म हो जाता है।

-इस विषय पर मेश्राम जी खुद संविधान विरोधी है।

-बीजेपी के राज मे आरएसएस,बीजेपी,हिंदुत्व या देवी देवताओं पर सवाल उठाने वाले को जेल भेज दिया जाता है। वही उनके देवी देवताओं को खुलेआम मंचो से ललकारने पर मेश्राम जी के खिलाफ कुछ नही होता ?

-जब मेश्राम जी ने कांशीराम जी का साथ छोड़ दिया,फिर उनका फ़ोटो अपने रैली में लगाने का क्या मायने हैं ?

-साथ छोड़ने का मतलब कांशीराम जी गलत थे,फिर गलत आदमी का फोटो अपने रैलियों में क्यो ?

-यदि सही थे तो फिर साथ क्यो छोड़ा ?

-यदि कांशीराम जी पार्टी बनाकर सही नही किये तो ये महोदय खुद पार्टी क्यो बनाये ?

-इनका कहना था 2017 के इलेक्शन में पूरे देश मे EVM मशीन तोड़ेंगे। कितने EVM मशीन टूटे ?

-जब मेश्राम जी 100% 23 कैरेट सोने (gold ) है तो आज तक एक विधायक क्यो नही जीता ?

-महाराष्ट्र के लोग सबसे ज्यादा बाबासाहेब को मानते हैं और मिशन चलाते हैं,तो फिर बहुजनो की सरकार महाराष्ट्र में अबतक क्यो नही बनी ?

-महाराष्ट्र के ही मिशनरी लोग प्रकाश राव अम्बेडकर,राज रत्न अम्बेडकर,मेश्राम जी एक क्यो नही होते ?

-जिस कम्युनिस्ट विचार धारा को बाबासाहेब ने ठुकरा दिया उसी विचार धारा को प्रकाश अम्बेडकर क्यो लेकर ढो रहे है ?

-बाबासाहेब के मिशन का सबसे ज्यादा चिर हरण महाराष्ट्र में क्यो हुआ ?

-जहाँ बाबासाहेब के मिशन को आगे बढ़ाने वाले लोग ज्यादा है अर्थात महाराष्ट्र वहाँ पर मेश्राम जी सरकार क्यो नही बनाते ?

-क्या महाराष्ट्र,मध्यप्रदेश,राजस्थान,छत्तीसगढ़,गुजरात या साउथ हो बसपा की सरकार है ? यदि नही तो मेश्राम जी को वहाँ पसीना बहाने से कौन रोकता है ?

-उनको उतर प्रदेश ही क्यो दिखाई देता है ?

-बसपा को कमजोर करके क्या मिला ?

-बीजेपी मजबूत हुई।

-परिणाम सामने है।

-एक बिहार में पैदा हुआ था मिशनरी "रामविलास पासवान "

उन्होंने कहा था " मैं उस घर मे दिया जलाने चला हूँ, जहाँ वर्षो से अंधेरा है। 

-उन्होंने आखिरी सांस संघ के गोद मे ली। लोहिया से संघ तक।

-उन्होंने एक " चिराग पासवान " के घर मे ही दिया जलाई।

-एक उतर प्रदेश मे मिशनरी पैदा हुआ उदित राज उर्फ रामराज।

वैसे उनका पुराना नाम है रामराज।

-उनको राम से इतनी नफरत हुई कि उन्होंने राम के जहन उदित कर दी।

-जीवन भर ब्राह्मणवाद का लोटा फोड़ते रहे,आखिरी पारी बीजेपी में खेली। दिल्ली की एक  सुरक्षित सीट से

से सांसद बने। जब सांसद बने तो बीजेपी सही थी। जब दुबारा टिकट नही मिला तो बीजेपी बुरी हो गई ?

-अब आइये पूर्व संसद सावित्री बाई फुले की। बीजेपी से सांसद चुनी गई,तो बीजेपी सही। जब दुबारा टिकट नही मिला तो बगावत। बीजेपी बुरी हो गई।

-अब आइये दलितो का उभरता मशीहा रावण से मिलते हैं। 

कांशीराम जी 10 साल तक गैर राजनीतिक दल अर्थात बामसेफ व DS-4 बनाकर समाज को जोड़ा। बाद में बसपा बनाया। 

-ये जनाब उनके भी गुरु निकले। 2 साल प्रतीक्षा नही कर सकते थे। तुरंत पार्टी बनाकर मैदान में कूद पड़े। और मनुवादी अखिलेश के चरणों मे जा गिरे। 

-घिघियाने लगे कि प्रभु 5 न सही केवल दो ही सीट दे दो।

-हाय रे कांशीराम जी के चेलो ? तुम्हें चेला काहू या दोगला ?

-कांशीराम जी के चेलो ने बसपा से हटकर दर्जनों पार्टी बना दी। फिर कांशीराम जी को अपना आदर्श भी बताते हैं।

-दलित समाज का नेतृत्व करने वाली एक राष्ट्रीय पार्टी "बसपा "को समाज के ही मिशनरी लोगो ने चिर हरण करने से बाज नही आये। 

-दलित अधिकारी,मिशनरी,कांग्रेस,बीजेपी,आरएसएस,ओबीसी,हिन्दू,मेश्राम जी,रावण,पढे लिखे लोग,रिटायर्ड प्रोफेसर,शिक्षक सभी के निशाने पर केवल एक पार्टी व रक नेता "बसपा " व बहन जी। 

-मैं किसी भी पार्टी का सदस्य नही हूँ। मेरा काम सच को सामने लाने का है। 

-लेकिन याद रखो,जिस दिन बसपा खत्म हो गई उस ठीक से समझ मे आ जायेगा।

-अपने सपने नेताओ की गुलामी छोड़ो। जब ये नेता समाज के खातिर एक नही हो सकते तो फिर इनका गुणगान क्यो ?

-नारा कब तक लगाते रहोगे ? अपने जेहन के आईना में झाँक कर देखो। सच्चाई दिख जायेगी। 

जय भीम जय भारत।

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