इंडिया नामक गठबंधन से मिल जाए तो सेकुलर न मिलें तो भाजपाइ- बहन कुमारी मायावती जी



कुछ दिन पहले तक बीजेपी और आरएसएस की अन्य सहयोगी संस्थाएं लगातार राहुल गांधी पर हमला कर रही थी तथा उन्हें हर वक्त पप्पू सिद्ध करने में पुरजोर ताकत लगाती थी। तमाम मीडिया भी राहुल गांधी को एक तमाशबीन व मसखरा आदि बताने का काम करते थे।  मगर अभी आप सुधीर चौधरी - TV presenter को देख करके हैरान हो जाएंगे ,जो अब भाजपा की बुराई करते हुए और राहुल गांधी को महिमा मंडित करते हुए पाएंगे । क्योंकि आरएसएस, अब बीजेपी के लिए चुनावी मैदान साफ कर रहा है।  *इसलिए नूरा कुश्ती की तैयारी की जा रही है ।* जिसके लिए एक "कमजोर पहलवान " को "उससे भी कमजोर " पहलवान से लड़ाने की तैयारी कर रहे हैं।

 इसलिए मोदी के सामने राहुल गांधी का चेहरा पेश किया जाएगा।  सभी जानते हैं कि कांग्रेस ज्यादातर तभी जीतती है, जब उसे दलित वोट मिल जाते हैं । *दलित और आदिवासियों के वोट पाने के लिए कांग्रेस ने दलित नेता खड़गे को आगे किया है* और उसके नेतृत्व में 2024 आम चुनाव लड़ने का निर्णय किया है ।मगर जब  *प्रधानमंत्री बनने का बात करेंगे, तब वह दलित चेहरा पीछे छुपा दिया* जाएगा और राहुल गांधी का चेहरा सामने पेश किया जाएगा ।

बहुत से लोगों ने इस  गठबंधन को बार-बार सलाह दी थी कि इस संगठन में बहन जी को शामिल कर लिया जाए। ऐसा उन्होंने प्रयास भी किया था। बहुत से लोकल चैनल में दिखाया था । *मगर बहन जी ने स्पष्ट कर दिया कि प्रधान मंत्री पद के लिए वह मोदी बनाम मायावती होने चाहिए* । अगर गठबंधन बहन जी को प्रधानमंत्री का चेहरा घोषित करते हैं तो बहन जी उनके गठबंधन में शामिल हो सकती हैं। 

 मगर ऐसा ना तो कांग्रेस करेगी और न ही आरएसएस होने देगी ।क्योंकि उनको पता है कि बीजेपी को रोकने की ताकत अगर किसी में है तो वह बसपा में है। 

 *बहन जी के स्पष्ट मना करने पर, वे कभी उन्हें सेकुलर, तो कभी बीजेपी की B टीम बोलते हैं* और वे खुद ही नही बोलते है बल्कि औरों से बुलवाते हैं । अब बहन जी ने स्पष्ट कर दिया है कि वह इस नए गठबंधन का हिस्सा नहीं है ।वे अकेले चुनाव लड़ेंगे। मगर मैं कहता हूं कि अकेले चुनाव नहीं लड़ेंगे। *हम सब बहुजन समाज के लोग बहन जी के साथ तन मन और धन से रहेंगे।* 



 मैं कुछ पुरानी यादें ताजा करवाना चाहता हूं। दलितों के वोट पाने के लिए कांग्रेस तब बाबू जगजीवन राम को आगे करती थी और कांग्रेसी दलितों को यह लगता था कि कांग्रेस बाबू जगजीवन राम को प्रधानमंत्री बना देगी और आखिर तक कांग्रेसी दलितों को यह लगता रहा था कि उनका देहांत हो गया वर्ना अबकी बार तो बाबू जगजीवन राम को कांग्रेस प्रधानमंत्री बन ही देती।


ठीक वैसा ही अबकी बार हो रहा है कि कांग्रेस मल्लिकार्जुन खड़गे का चेहरा सामने दलितों को दिखा करके उनका वोट लेना चाहती है और इन कांग्रेसी दलितों को लगता भी है कि कांग्रेस एक ने एक दिन मल्लिकार्जुन खड़गे को देश का प्रधानमंत्री बना ही देगी । मगर ऐसा संभव नहीं है क्योंकि यह फार्मूला बहुत बार फेल हो चुका है।


 मैं स्पष्ट शब्दों में बताना चाहता हूं इस देश की तमाम राजनीतिक पार्टियों दलितों के वोट तो लेना चाहती है मगर मजबूत दलित नेता को देश का प्रधानमंत्री नहीं बनना चाहत ।इसलिए मैं उन कांग्रेसी दलितों को सावधान करना चाहता हूं कि आपकी आने वाली पीढयों को इन मनुवादी पार्टियों की चमचागिरी करने का अवसर भी नहीं मिलेगा ।इसलिए जितनी जल्दी हो सके इस जलते हुए कांग्रेस के घर को छोड़ दीजिए ।


कांग्रेस एक मादा बिच्छू है जो अगली पीढ़ी को बढ़ाने के लिए अपने सहयोगी यानी नर बिच्छू को खा जाती है।

धर्मवीर सौरान - बहुजन लेखक एवं विचारक


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