बहुजन समाज पार्टी की समस्या और समाधान- बहन जी को पत्र
बहन कुमारी मायावती जी के नाम एक खुला पत्र 'मान्यवर साहब के मिशन को बचाने के लिए अंतिम संदेश' आदरणीय बहन मायावती जी, आपको हज़ारों बार सादर प्रणाम, मैं आपके संघर्ष, त्याग और आत्मसम्मान की लड़ाई के इस दुनिया के करोडों प्रशंसकों में से एक हूँ। मुझे नहीं पता आपको कैसे संबोधित करूँ, क्योंकि मेरे दादा जी, पिता जी दोनों आपको बहिन जी ही करते हैं। खैर पत्राचार के लिहाज से आपको मायावती जी ही लिखूंगा। 1980 में जब आपने मान्यवर साहब के साथ दलितों, अति पिछड़ों के अधिकारों के लिए घर छोड़ कर संघर्ष का रास्ता अपनाया वह भारत के रुढ़िवादी और पुरुषवादी समाज के इतिहास में सबसे क्रांतिकारी घटना थी, वह भी तब जब मान्यवर साहब खुद संघर्ष कर रहे थे, उनके रहने खाने का ठिकाना खुद नहीं था ऐसे में उन मान्यवर साहब के साथ समाज में क्रांति करने के लिए निकलना तब ही नहीं बल्कि आज के समाज के लिए भी बहुत बड़ी बात होगी। मैं अक्सर सोचता हूँ, उस समय घर छोड़ने से पहले आपके दिमाग में क्या चल रहा होगा, कैसे आपने इतना बड़ा निर्णय लिया होगा, आपको तब ये आभास भी नहीं होगा कि जिस मिशन पर आप निकल रहीं हैं उसमें मुख्यमंत्री बने...