संदेश

फ़रवरी, 2021 की पोस्ट दिखाई जा रही हैं

बसपा उगता सूरज

चित्र
वक्त परिवर्तनशील है ! समतामूलक समाज बनाने के लिए विचारधारा महत्वपूर्ण है! विचारधारा का जुडाव कभी  नहीं  टूट सकता! विचारधारा से जुड़ने से  पहले उस विचारधारा को  जानना और फिर सहमत होना आवश्यक है! हर एक  दल अर्थात राजनीतिक दल की  अपनी  नीति और चुनावी  रणनीति है  मगर भोले भाले लोग चुनावी रणनीति को ही नीति और विचारधारा समझ लेते हैं! धीरे-धीरे सब छाए बादल छट  जाएंगे और आसमान नीला नजर आएगा! धर्य रखें सब अच्छा होगा भारत के लोग अतिथि को  भगवान मानते हैं मगर अतिथि की  मानसिकता अगर खराब है तो अतिथि का सत्कार भी अपने ढंग से करते हैं 🙏🙏🙏🙏🙏 अब ये जिम्मेदारी उन गरीब वंचित वर्गों की बन गई है  उन सामजिक संस्थाओ कि भी जिनके कुछ लोग समतामूलक समाज की विचारधारा को  समझते और मानते हैं! अपने आस-पास में गरीब वंचित मजदूर किसान को  बहुजन समाज पार्टी की  विचारधारा से  अवगत कराएं! बहुजन समाज पार्टी की विचारधारा भारतीय संविधान को पूर्ण रूप से लागू करके सामाजिक-आर्थिक विकास के  सूचकांक में भारत को सर्वोपरि रखना है ! आधुनिक...

निर्णय कैसे लें ?

चित्र
  निर्णय  भावना  होती है  अच्छा  निर्णय लें ! क्या हमारे पास  कोई  पैमाना  होता  है  कि हम  अच्छा निर्णय  कैसे  लें  ? ये  जरूरी  है  कि हम  अच्छा निर्णय कैसे  लें? चाहे हम  समाज का  निर्णय  ले  रहें  चाहे व्यापार का  निर्णय ले  रहें चाहे  भविष्य  का  निर्णय ले रहें  या  बच्चों  का  निर्णय  ले  रहें हैं ! अच्छा निर्णय का क्या कोई पैमाना होता  है एक  अच्छा  निर्णय कैसे लिया  जाए इसको समझना आवश्यक है निर्णय जीवनभर खुशी या दुखी का  एहसास करवाता रहता  है!  निर्णय अच्छा या बुरा  कोई भी  निर्णय न ही  अच्छा  होता  है  ना ही  बुरा, ना  सही  ना  गलत ये  तो  निर्णय लेने के  बाद  ही  पता चलता है कि वास्तव में जब उसके परिणाम आते हैं कि हमने ये  निर्णय अच्छा लिया या बुरा लिया निर्णय लेने से पहले हमारे पास  कोई...

निर्माण को विकास कहना भारतीयों को मुर्ख बनना है सावधान रहें

चित्र
भारत सदियों से परतंत्रता में जकड़ा रहा और शासकों ने आम  ज़न मानस को रोजी रोटी में उलझा करके शोषण जारी रखा! शिक्षा से कोसों दूर भारतीय समाज इतना पिछड़ गया  कि  वर्तमान मे  भी  शासक शब्दों का  हेर फ़ेर  करके पढ़े लिखे लोगों को  मुर्ख  बनाकर अपना  उलू सीधा करने मे  लगे हैं! प्रचार-प्रसार के  सारे रास्ते अपनाकर बेवकूफ़ जनता पैदा करने की  कोशिश जारी है खासकर आरएसएस द्वारा ! षड्यंत्रकारी चालाक संगठन एड़ी चोटी का जोर लगाकर लोगों के धार्मिक विश्वास को  अंधविश्वास में बदलकर और धन बल का प्रयोग करके सत्ता पर काबिज होने की सस्ती सांस्कृतिक रचना से इंसानो को पशु के समान तैयार करने में  लगे  हैं!  सबका साथ सबका विकास  सबका साथ सबका विकास तैयार करने में लोगों को सीधे अपने से  जोड़ने का एक षडयंत्र रचाया गया जिसकी वजह से उत्तर भारतीयों ने इस नारे के सम्मान में अन्य  दलों को पीछे छोड़ दिया और  वैचारिक मतभेद भुलाकर विकास को गले लगा लिया! इसके पीछे योजनाबद्ध तरीके से लोगों को  सपने दिखाकर मतदाताओं ...