मोहम्मद अली जिन्ना के पूर्वज हिन्दू थे



मोहम्मद अली जिन्ना -पाकिस्तान के संस्थापक



प्रेमजी भाई मेघजी भाई ठक्कर( मोहम्मद अली जिन्ना के दादा)  हिंदू वैष्णव लोहाना बनिया परिवार गाँव मोती पनेलि जिला राजकोट गुजरात के निवासी थे । परिवार सुद्ध शाकाहारी और आर्थिक सम्पन व्यापारिक घराना था ।प्रेमजी भाई मेघजी भाई ठक्कर ने अन्य व्यपार के साथ साथ मछली  का व्यापार भी  सुरु किया !  हिंदू धर्म के तत्कालीन कट्टर मानसिकता के  लोगों ने उनका ज़बरदस्त विरोध किया । प्रेमजी भाई मेघजी भाई ठक्कर के परिवार का धार्मिक  बहिष्कार किया गया ! बार -बार सामजिक पंचायत में  घर वापसी का अनुरोध करने के बाद  कट्टर हिंदु मानसिकता के लोगों ने उनको शामिल करने का विरोध किया । बड़े बेटे (1857-1902) पूंजा भाई ठक्कर(जिन्नो)  (मोहम्मद अली जिन्ना के पिताजी  ) इस निरादर को सहन ना कर सके और मुसलमान शिया में धर्मांतरित हो गये ।  मोहम्मद अली जिन्ना का  विवाह मीठीबाई से हुआ और फिर ये परिवार कराची (ब्रिटिश भारत)  में जाकर बस गया  । इनसे सात संतान पैदा हुए जिनमे ज्येष्ठ मोहम्मद अली जिन्ना (father of Pakistan) व इनकी बहन फ़ातिमा जिन्ना जो mother of Pakistan बनी ।

मोहम्मद अली जिन्ना का विवाह रतनजी दादाभाई टाटा की पोती जो 24 वर्ष छोटी थी 1918  में हुआ जिनसे एक बेटी मर्यम 1919 में जन्म हुआ । मोहम्मद अली जिन्ना में धार्मिक कट्टरता कूट कूट कर भरी हुई थे उनके पिताजी पुंजा भाई ठक्कर ने वो सारे अपमान को बताया हुआ था जो बचपन में ही मोहम्मद अली को आक्रामक बनाता  गया ! जिन्ना ने उच्च शिक्षा इंग्लैंड में प्राप्त की व्  एक काबिल बैरिस्टर बने ! इंग्लिश भाषा पर उनकी पकड़ मजबूत थी जबकि मुसलमान धर्म के अनुसार वो आचरण नहीं करते थे पाश्चात्य सभ्यता का  उन पर बहुत प्रभाव था ! वाइन शराब का वो खूब सेवन करते थे ! 
उपरोक्त  धार्मिक हठ ने दुनिया का नक़्शा बदल दिया 1947  में भारत तीन टुकड़ों में विभाजित हो गया । भारत की आज़ादी के दिवानो ने कभी नही सोचा था की भारत आज़ादी के साथ साथ विभाजित भी हो जाएगा ! महान  क्रांतिकारी शहीद भगत सिंह ,राजगुरु,सुखदेव , चंद्रशेखर आज़ाद, बूटकेश्वरदत्त ,इसफ़ाकुलाह खां, ऊधम सिंह जैसी महान सख़्शियतों ने अपने प्राण न्योछावर  किए मगर आज़ादी के बाद बँटवारा होने पर लाखों लोगों का कत्ले आम किया गया ! दोनो तरफ़ से अपने ही लोग अपनों को  मौत के घाट उतारे जा रहे थे । भारत आज़ाद भी हुआ मगर ख़ुशी नही हुई क्योंकि भारत के टुकड़े हो चुके थे  । मेरा भारत खंड खंड हो गया । महात्मा गाँधी जी व मोहम्मद अली जिन्ना  दोनो ही गुजरात प्रांत से थे । 



हम सब भारतीयों की ये नैतिक जिम्मेदारी है की इतिहास का  निष्पक्ष विश्लेषण किया जाए ! कंहा कब और कैसे ग़लतियाँ हुई हैं ।  और कोशिश करें उन ग़लतियों की पुनरावर्ती ना हो । एक कहावत है “लम्हों ने ख़ता की और सदीयों ने सजा पाई “  अगर उस वक्त पूंजाभाई के परिवार का धार्मिक बहिष्कार ना होता उस परिवार में इतनी नफ़रत पैदा ना होती ? और आज एक विशाल श्रेष्ठ भारत हिमालय की तरह चट्टान बनकर खड़ा होता जो भूभाग में दुनिया का दूसरे दर्जे का शक्तिशाली राष्ट्र होता।धर्म और जाति की नफ़रत समाज के साथ साथ देश का भी विनाश करती है जिसको हम भारत, पाकिस्तान व बांग्लादेश के रूप में वर्तमान में देख रहें हैं ।भारत का संविधान पंथ/धर्म  निरपेक्ष है संविधान निर्माता बाबा साहेब व् तत्कालीन निष्पक्ष देश के नेताओं ने इसका विश्लेषण करके भारत को धर्म निरपेक्ष संविधान दिया , इसका पालन आवश्यक है  ताकि भारत को कोई मोहम्मद अली जिन्ना छू ना सके सरकारों की भी ये ज़िम्मेदारी है की वो नफ़रत के बीज बोने वालों को क़ानून के अनुसार सख़्त से सख़्त सजा दे । धर्म व जाति की सोच के पक्षधर कभी न्याय नहीं कर सकते इसलिए भारत का संविधान मूल रूप में लागू होना ही सच्ची देश भक्ति है।
हम सबसे पहले और आख़िर में , भारतीय हैं धर्म व्यक्तिगत विचार है । भारत को धर्म से संचालित करने की हमें बार- बार भूल नही करनी चाहिये ।

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